Best 200+ Gulzar Shayari In Hindi / गुलज़ार शायरी

Gulzar Shayari In Hindi के पोस्ट में आपको पढने को मिलेगा Gulzar Status In Hindi, 2 Line Gulzar Shayari In Hindi के बेजोड़ कलेक्शन को, जहा पर आप कवि गुलज़ार के द्वारा कहे गए कलेक्शन का आनंद ले पाएंगे.

सम्पूर्ण सिंह कालरा उर्फ़ गुलज़ार साहब का जन्म 18 अगस्त 1936 में दीना, झेलम जिला, पंजाब में हुआ था. इनके पिताजी का नाम माखन सिंह कालरा और माँ का नाम सुजान कौर था, बाल्यावस्था में ही इनकी माताजी का देहावसान हो गया, ये अपने पिता के साथ अमृतसर आकर बस गये.

Gulzar Shayari In Hindi

आइये दोस्तों मशहूर कवि के द्वारा कहे गए शेरो-शायरियों को हम विस्तार से नीचे पढ़ते है और अपने दोस्तों के साथ शेयर कर इस पोस्ट का आनंद उठाते है.

Gulzar Shayari In Hindi

कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती है,
कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता…!!

Gulzar Shayari In Hindi 1

पलक से पानी गिरा है, तो उसको गिरने दो,
कोई पुरानी तमन्ना, पिंघल रही होगी…!!

दर्द हल्का है साँस भारी है,
जिए जाने की रस्म जारी है…!!

Gulzar Shayari In Hindi 2 Line

यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता,
कोई एहसास तो दरिया की अना का होता…!!

Gulzar

खता उनकी भी नहीं यारो वो भी क्या करते,
बहुत चाहने वाले थे किस किस से वफ़ा करते…!!

ज़मीं सा दूसरा कोई सख़ी कहाँ होगा,
ज़रा सा बीज उठा ले तो पेड़ देती है…!!

तजुर्बा कहता है रिश्तों में फैसला रखिए,
ज्यादा नजदीकियां अक्सर दर्द दे जाती है…!!

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खुली किताब के सफ़्हे उलटते रहते हैं,
हवा चले न चले दिन पलटते रहते है…!!

शाम से आँख में नमी सी है,
आज फिर आप की कमी सी है…!!

तुम लौट कर आने की तकलीफ़ मत करना,
हम एक ही मोहब्बत दो बार नहीं किया करते…!!

Gulzar Shayari In Hindi 3

वो चीज जिसे दिल कहते हैं,
हम भूल गए हैं रख कर कहीं…!!

Best Gulzar Shayari In Hindi

वफा की उम्मीद ना करो उन लोगों से,
जो मिलते हैं किसी और से होते है किसी और के…!!

आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं,
मेहमाँ ये घर में आएँ तो चुभता नहीं धुआँ…!!

Gulzar Shayari In Hindi 4

दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई,
जैसे एहसान उतारता है कोई…!!

कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ,
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की…!!

हसरत थी दिल में की एक खूबसूरत महबूब मिले,
मिले तो महबूब मगर क्या खूब मिले…!!

2 Line Gulzar Shayari In Hindi

उनके दीदार के लिए दिल तड़पता है,
उनके इंतजार में दिल तरसता है,
क्या कहें इस कम्बख्त दिल को,
अपना हो कर किसी और के लिए धड़कता है…!!

बहुत अंदर तक जला देती हैं,
वो शिकायते जो बया नहीं होती…!!

सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम,
कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं…!!

समेट लो इन नाजुक पलो को,
ना जाने ये लम्हे हो ना हो,
हो भी ये लम्हे क्या मालूम शामिल,
उन पलो में हम हो ना हो…!!

तेरे बिना ज़िंदगी से कोई शिकवा तो नहीं,
तेरे बिना पर ज़िंदगी भी लेकिन ज़िंदगी तो नहीं…!!

शाम से आँख में नमी सी है,
आज फिर आपकी कमी सी है…!!

कोई नाम ना ले मेरा उसके साथ,
ज़मीन आसमान को अलग ही रहने दो…!!

ऐसा कोई ज़िंदगी से वादा तो नही था,
तेरे बिना जीने का इरादा तो नही था…!!

Gulzar Shayari In Hindi 5

ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा,
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा…!!

Gulzar Shayari In Hindi Images

मंजिल भी उसकी थी रास्ता भी उसका था,
एक हम अकेले थे काफिला भी उसका था…!!

ऐसा कोई जिंदगी से वादा तो नही था,
तेरे बिना जीने का इरादा तो नही था…!!

कोई समझे तो,
एक बात कहूँ साहब,
तनहाई सौ गुना बेहतर है,
मतलबी लोगों से…!!

तुमने तो कहा था हर शाम,
हाल पूछेंगे तुम्हारा तुम बदल,
गए हो या तुम्हारे शहर में,
शाम नहीं होती…!!

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जब से तुम्हारे नाम की मिसरी होंठ से लगाई है,
मीठा सा गम मीठी सी तन्हाई है…!!

Gulzar Shayari In Hindi 6

बहुत अंदर तक जला देती हैं,
वो शिकायते जो बया नहीं होती…!!

Gulzar Shayari In Hindi Pic

हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते,
वक्त की शाख से लम्हें नहीं तोड़ा करते…!!

तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं,
रात भी आयी और चाँद भी था, मगर नींद नहीं…!!

कौन कहता हैं कि हम झूठ नहीं बोलते,
एक बार खैरियत तो पूछ के देखियें…!!

Top Gulzar Shayari In Hindi

फुर्सत मिले तो कभी बैठकर सोचना,
तुम ही मेरे अपने हो या हम भी सिर्फ तुम्हारे हैं…!!

Gulzar Shayari In Hindi 7

रिश्तों की अहमियत समझा करो जनाब,
इन्हे जताया नहीं निभाया जाता है…!!

माना कि बदलते वक्त के साथ,
रिश्ते हाथ से छूट कर चले जा रहे हैं,
लेकिन कभी वक्त की डालियों से,
सुनहरे पलों को यूं तोड़ा नहीं करते…!!

खाली कागज़ पे क्या तलाश करते हो,
एक खामोश-सा जवाब तो है…!!

हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में,
रुक कर अपना ही इंतिजार किया…!!

Gulzar Shayari In Hindi

अपने दिल की हाल हर एक को मत बताया करो,
यंहा तमाशा बनने में देर नहीं लगती…!!

सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम,
कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं…!!

Gulzar Shayari In Hindi 8

मिलता तो बहुत कुछ है इस जिन्दगी में,
​बस हम गिनती उसी की करते हैं,
जो हासिल ना हो सका…!!

यहां हर किसी को दरारों में झांकने की आदत है,
दरवाजे खोल दो कोई पूछने भी नहीं आएगा…!!

कुछ अलग है उसके शहर की बातें,
हमारा उस शहर में अब मन ही नहीं लगत…!!

जिन दिनों आप रहते थे,
आंख में धूप रहती थी,
अब तो जाले ही जाले हैं,
ये भी जाने ही वाले हैं…!!

गुल पोश कभी इतराये कहीं,
महके तो नज़र आ जाये कहीं,
तावीज़ बनाके पहनूं उसे,
आयत की तरह मिल जाये कहीं…!!

Gulzar Shayari In Hindi 2 Line

पता चल गया है के मंज़िल कहां है,
चलो दिल के लंबे सफ़र पे चलेंगे,
सफ़र ख़त्म कर देंगे हम तो वहीं पर,
जहाँ तक तुम्हारे कदम ले चलेंगे…!!

ऐसा कोई ज़िंदगी से वादा तो नही था,
तेरे बिना जीने का इरादा तो नही था…!!

Gulzar Shayari In Hindi 9

आखिरी नुकसान था तू जिंदगी में,
तेरे बाद मैंने कुछ खोया ही नहीं…!!

मेरे कंधे पर कुछ यूं गिरे उनके आंसू ,
कि सस्ती सी कमीज़ अनमोल हो गई…!!

सब तारीफ कर रहे थे,
अपने अपने महबूब का,
हम नीद का बहाना बना कर,
महफ़िल छोड़ आए…!!

गुस्सा भी क्या करूं तुम पर,
तुम हंसते हुए बेहद अच्छे लगते हो…!!

मुकम्मल इश्क से ज्यादा तो चर्चे,
अधूरी मोहब्बत के होते हैं…!!

Best Gulzar Shayari In Hindi

तमाशा जिंदगी का हुआ,
कलाकार सब अपने निकले…!!

तेरे बगैर किसी और को देखा नहीं मैंने,
सुख गया वो तेरा गुलाब मगर फेका नहीं मैंने…!!

जिन लोगो की हंसी खूबसूरत होती है,
याद रखना की उनके ज़ख्म बहुत गहरे होते हैं…!!

बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का,
अधूरी हो सकती है मगर ख़त्म नहीं…!!

कहते हैं जो पा लिया वो मोहब्बत ही क्या,
जो सुलगता रहे वही इसक लाजवाब है…!!

फुर्सत मिले तो कभी बैठकर सोचना,
तुम ही मेरे अपने हो या हम भी सिर्फ तुम्हारे हैं…!!

आँशु का बूंद है ये ज़िंदगी का सफर,
कभी फूल में तो कभी धूल में…!!

उन्हें कल हैरानी हुयी हमे इस हाल में देखकर,
की भला टूटकर भी कोई मुस्कुराता है…!!

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ये सारे खेल अहसासों का है ज़नाब,
वरना मोहब्बत तो साथ फेरो के बाद भी नहीं होती…!!

Gulzar Shayari In Hindi 10

बिना आवाज़ का रोना,
रोने से भी ज्यादा दर्द देता है…!!

2 Line Gulzar Shayari In Hindi

सजा देने हमे भी आती है,
पर तू तकलीफ से गुजरे यह हमे गवारा नहीं…!!

जो तुमने किया सायद वो इसक नहीं था,
क्यों की वो इसक नहीं जो साथ छोड़ दे…!!

मुस्कुराहटें झूठी भी हो सकती है,
इंसान को देखना नहीं समझना सीखो…!!

इल्जाम तो कांटे पर ही आएगा,
ये सोचकर फूल भी कई बार जख्म दे जाते हैं…!!

हर तनहा रात में एक नाम याद आता है,
कभी सुबह कभी शाम याद आता है…!!

मैंने हर दर्द में इंसान को मरते देखा है,
कम्बख्त इसक तुझे मौत क्यों नहीं आती…!!

Gulzar Shayari In Hindi 11

सब्र करो जिसके तुम काबिल हो,
ज़िंदगी वो हर चीज तुम्हे देगी…!!

दर्द तब होता है जब तुम्हे किसी से मोहब्बत हो,
और उसके दिल में कोई और हो…!!

Gulzar Shayari In Hindi Images

मीलो का सफर पल भर में बर्वाद हो गया,
जब उसने कहा कहो कैसे आना हुआ…!!

हमारी लाइफ में कुछ लोग ऐसे होते हैं,,
जो हमसे कितनी भी बात करले मगर मन नहीं भरता…!!

ज़िंदगी किस्मत से चलती है साहब,
दिमाग से चलती तो बीरवल बादशाह होता…!!

Gulzar Shayari In Hindi 12

छीन लेता है मुझसे हर चीज ए खुदा,
क्या तू भी इतना गरीब है…!!

कोई गलती हो तो बेसक डांट लिया करो,
मगर यु खामोश न रहा करो…!!

बर्तन खाली हो तो ये मत समझो की मांगने चला है,
हो सकता है सबकुछ बाँट के आया हो…!!

जब तेरी याद आती है तो ये आँखे मान जाती है,
पर ये कम्बख्त दिल रो पड़ता है…!!

गलत फैमियो के किस्से इतने दिलचस्प हैं,
हर ईट सोचती है दिवार मुझपर टिकी है…!!

सागर नदी झील आँखे पानी सब में होता है,
फर्क बस गहराई का होता है…!!

Gulzar Shayari In Hindi Pic

खत लिखे थे जो तुमने कभी प्यार में,
उसको पढ़ते रहे और जलाते रहे…!!

ज़िंदगी उस मुकाम पर आकर ठहरी है,
अगर मैं हसना भी चहु तो रोना आता है…!!

अगर दिल गलत जगह लग जाए,
तो एक न एक दिन उसे टूटना पड़ता है…!!

कभी भी किसी से उतनी उम्मीद मत रखना की,
उम्मीद के साथ तुम भी टूट जाओ…!!

Gulzar Shayari In Hindi 13

पानी आँखों में हो या दरिया में,
गहराई और राज दोनों में होती है…!!

शक्ल और सूरत मोहब्बत करने वालो को,
कभी दिल से चाहने वाले नहीं मिलते…!!

मेरे दिल में एक धरकन तेरी है,
उस धरकन की कसम तू ज़िंदगी मेरी है…!!

Top Gulzar Shayari In Hindi

तेरी यादो के जो आखरी ये निशान,
दिल तड़पता रहा हम मिटाते रहे…!!

आपके नखरे बस वही उठा सकता है,
जो आपसे सच्चा मोहब्बत करता हो…!!

अगर कोई तुम्हे रुलाये तो सब्र कर लेना,
की ज़िंदगी के किसी मोड़ पर वो तुमसे ज्यादा रोयेगा…!!

जी लो हर लम्हा बीत पहले,
लौटकर सिर्फ यादे आती है वक्त नहीं…!!

Gulzar Shayari In Hindi 14

देना ही है तो जहर दे दो,
मगर किसी को झूठी उम्मीद मत दो…!!

तुझे तेरी ख़ुशी के लिए छोड़ा है,
जा मुझे बुरा समझकर मुझसे अच्छा ढूंढ ले…!!

उम्र बिना रुके सफर कर रही है,
और हम खुवाहिसे लेकर वही रुके हुए हैं…!!

कभी कभी उनसे भी दूर होना पड़ता है,
जिसके साथ हम पूरी ज़िंदगी गुजारना चाहते हैं…!!

थोड़ा और बताओ न मुझे मेरे बारे में,
सुना है तुम मुझे अच्छे से जानते हो…!!

न चाहते हुए भी किसी को छोड़ना पड़ता है,
कुछ मजबूरिया मोहब्बत से भी ज्यादा गहरी होती है…!!

जाने से पहले एक बार लौट जरूर आना,
वापस करने को तुम्हारी यादे बहुत है…!!

झुकने से रिस्ता गहरा हो तो झुक जाओ,
पर हर बार आपको ही झुकना पड़े तो रूक जाओ…!!

सक्कर से ज्यादा मीठी लगती थी तुम्हे,
जरा सा सच क्या बोलै जहर हो गयी…!!

मुझे नहीं मतलब कौन किसके साथ है,
जो मेरे साथ अच्छा है वो मेरे लिए अच्छा है…!!

Gulzar Shayari In Hindi

ज़िंदगी तो अहसासों में ही कट गयी,
मुकम्बल होता कुछ तब तक वो बात बीत गयी…!!

वफादार लड़कियों की निसानी है,
वो तुमसे वक्त मांगेगी दौलत नहीं…!!

Gulzar Shayari In Hindi 15

तुम नदी मैं एक झरना,
मैं गिरता रहा तू सँभालते रहे…!!

चंद दिनों की ख़ामोशी तो ठीक है,
लेकिन सफर अगर लम्बा हो तो रुला देती है…!!

तुझे खोने के डर से तुझे पाया ही नहीं,
ज़िंदगी भर तड़पता रहा तुझे बताया ही नहीं…!!

दिल से बड़ी कोई कब्र नहीं ज़नाब,
हर रोज कोई न कोई अहसास दफन हो जाता है…!!

दिमाग वालों की दुनिया मे जब भेजना ही था,
ए ख़ुदा तो फिर अच्छा दिल देने की क्या जरूरत थी…!!

तमाशा करती है मेरी जिंदगी,
गजब ये है कि तालियां अपने बजाते हैं…!!

मुझे तेरा साथ ज़िन्दगी भर नहीं चाहिए,
बस जब तक तू साथ है तब तक ज़िन्दगी चाहिए…!!

नसीब जिनके ऊँचे और मस्त होते है,
इम्तिहान भी उनके जबरदस्त होते है…!!

किसी के लिए भी खुली किताब मत,
बनों टाइमपास का दौर हैं पढ़कर फेंक दिए जाओगे…!!

मैं वो क्यों बनु जो तुम्हें चाहिए,
तुम्हें वो कबूल क्यों नहीं जो मैं हूं…!!

Gulzar Shayari In Hindi

न हक़ दो इतना की तकलीफ हो तुम्हे,
न वक्त दो इतना की गुरुर हो हमें…!!

ग़म मौत का नहीं है, ग़म ये के,
आखिरी वक़्त भी, तू मेरे घर नहीं है…!!

कुछ बातें तब तक समझ में नहीं आती,
जब तक ख़ुद पर ना गुजरे…!!

वास्ता नही रखना तो,
नजर क्यो रखते हो किस,
हाल में जिंदा हूं खबर,
क्यो रखते हो…!!

इ़तना क्यों सिखा़ये जा़ ऱही है़ ज़िन्दगी,
हम़ने कौऩसी य़हाँ स़दियाँ गुज़ाऱनी है…!!

आइना दे़ख़ के़ त़सल्ली हु़ई,
ह़म को इस़ घर में जाऩता है़ को़ई…!!

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कल फि़र चाँद का़ ख़ंज़र घोप के़ सीने मे,
रात़ ने़ मेरी जा लेने़ की़ कोशि़श की…!!

एक़ प़ल देख़ लूँ तो उठ़ता हूँ,
ज़ल ग़या घर जरा सा रह़ता है…!!

चंद़ उ़म्मीदें निचो़ड़ी थी़ तो़ आहे ट़पकीं,
दिल़ को पिघ़लाएँ तो हो़ सक़ता है़ साँसें निक़ले…!!

यह शु़क्र है कि़ मेंरे पास़ ते़रा गम तो़ ऱहा,
व़रना ज़िंदगी ने़ तो रु़ला दि़या हो़ता…!!

ह़म तो कि़तनो को़ मह़-जबीं क़हते,
आप़ है इ़स लिए़ ऩही क़हते…!!

कित़नी ल़म्बी ख़ामोशी से़ गु़जरा हू,
उ़न से़ कित़ना कुछ़ कह़ने की़ को़शिश की…!!

हा़थ छूटे भी़ तो़ रिश्ते ऩही छो़ड़ा क़रते,
वक़्त की़ शाख से ल़म्हे ऩही तोड़ा क़रते…!!

यू़ भी़ इ़क बाऱ तो हो़ता कि़ समुद़र ब़हता,
को़ई एह़सास तो़ द़रिया की अ़ना का हो़ता…!!

ये़ रोटिया है़ ये़ सि़क्के है़ औऱ दाय़रे है,
ये एक़ दू़जे को दिऩ भ़र प़कड़़ते रह़ते है…!!

भी़ड़ का़फी हु़आ क़रती थी़ म़हफ़िल मे मे़री,
फिऱ मै “सच” बोल़ता ग़या औ़र लोग़ उठ़ते च़ले ग़ए…!!

दिऩ कु़छ ऐ़से गुज़ऱता है़ को़ई,
जै़से ए़हसान उ़तारता है़ को़ई…!!

ये़ दिल भी़ दोस्त ज़़मी की़ त़रह,
हो़ जा़ता है़ डा़वा-डो़ल क़भी…!!

ब़हुत छा़ले हैं उ़सके पैरो मे,
क़मबख्त उ़सूलो प़र च़ला हो़गा…!!

जि़स की़ आंखों मे क़टी थी स़दियां,
उ़स ने़ सदियों की़ जुदाई़ दी है…!!

यादों की़ बौछा़रो से़ ज़ब प़लके भीग़ने लग़ती है,
सो़धी सोधी लग़ती है़ त़ब माज़ी की़ रुस्वाई़ भी…!!

आँखों से़ आँसुओं के़ म़रासिम पु़राने है,
मेहमाँ ये़ घर मे आए़ तो़ चु़भता नही धु़आँ…!!

यू़ भी़ इ़क बा़र तो हो़ता कि़ समुदर ब़हता,
कोई़ ए़ह़सास तो द़रिया की अ़ना का़ होता…!!

तु़म्हारी ख़ुश्क़ सी आँखे भ़ली ऩही ल़गतीं,
वो़ सा़री चीज़े जो़ तु़म को़ रु़लाए, भे़जी है…!!

ज़मी सा़ दूस़रा कोई़ सख़ी कहा़ हो़गा,
जरा सा बीज उ़ठा ले़ तो़ पेड़ दे़ती है…!!

शाम़ से आँख़ मे ऩमी सी है,
आज़ फिऱ आप़ की क़मी सी है…!!

का़ई सी ज़म ग़ई है़ आँखो प़र,
सा़रा म़जर ह़रा सा रह़ता है…!!

उ़ठाए फिऱते थे ए़हसान जिस्म़ का जाँ प़र,
चले ज़हाँ से तो ये पैऱहन उ़तार च़ले…!!

कोई़ ऩ कोई़ रह़बर ऱस्ता का़ट गया,
ज़ब भी अ़पनी रह़ चल़ने की कोशिश की…!!

कित़नी ल़म्बी ख़ा़मोशी से़ गुजरा़ हू,
उ़न से कि़तना कु़छ क़हने की कोशि़श की…!!

आ़प़ के़ बाद़ ह़र घ़ड़ी ह़म ने,,
आप़ के साथ़ ही़ गु़जारी है…!!

म़हफ़िल मे ग़ले मिल़क़र व़ह धीरे से़ क़ह ग़ए,
य़ह दुनिया़ की रस्म़ है, इ़से मुहोब्बत म़त सम़झ लेना…!!

ज़िदगी से़ वादा यू भी़ निभाना़ पड़ ग़या,
खुल़ के़ रोना चा़हा था़ मुस्कु़राना प़ड़ ग़या…!!

इ़तने लोगो मे क़ह दो अ़पनी आँखों से़,
इ़तना ऊ़चा ऩ ऐसे बोला क़रे, लोग़ मे़रा नाम़ जाऩ जाते है…!!

तुम्हारी खुशियों के़ ठिका़ने ब़हुत हो़गे,
म़गर ह़मारी बेचे़नियो की व़जह ब़स तुम़ हो…!!

तेरी ह़र बात़ के़ लिए़ माने,
ये़ मोहब्बत है़ को़ई नौ़करी ऩही…!!

मो़हब्बत ज़िन्दगी ब़दल दे़ती है,
मिल़ जाये ज़ब भी और ना़ मिले़ त़ब भी…!!

त़कलीफ़ खुद की क़म हो़ ग़यी,
जब़ अ़पनो से उ़म्मीद क़म हो ग़ई…!!

कुछ़ बाते त़ब त़क स़मझ मे ऩही आ़ती,
ज़ब त़क ख़ुद प़र ना गुज़रे…!!

किसी प़र मऱ जाने से होती़ है मोहब्बत़,
इश्क़ जिंदा़ लोगो के बस़ का ऩही…!!

तेरे़ ख़त़ मै इ़श्क़ की ग़वाही आज़ भी है़,
ह़र्फ धुँध़ले हो ग़ए प़र सिया़ही आज़ भी है…!!

दिल़ अ़गर है़ तो दर्द भी़ हो़गा,
इ़सका शा़यद कोई़ ह़ल ऩही है…!!

क़भी जिंदगी ए़क प़ल में गुज़र जा़ती है,
औऱ क़भी जिंद़गी का ए़क प़ल ऩही गुज़रता…!!

ह़म तो अ़ब याद़ भी ऩही क़रते,
आप़ को हिच़की ल़ग ग़ई कै़से?

प्याऱ क़रता हु इ़सलिए फ़िक्ऱ क़रता हु,
ऩफरत क़रने ल़गा तो ज़िक्र भी ऩहीं क़रूँगा…!!

दौलत नहीं शोहरत नहीं,न वाह चाहिए ,
“कैसे हो?” बस दो लफ़्जों की परवाह चाहिए…!!

जब से तुम्हारे नाम की मिसरी होंठ से लगाई है,
मीठा सा गम मीठी सी तन्हाई है…!!

मैंने मौत को देखा तो नहीं,
पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी,
कमबख्त जो भी उससे मिलता हैं,
जीना ही छोड़ देता हैं…!!

मैं वो क्यों बनु जो तुम्हें चाहिए,
तुम्हें वो कबूल क्यों नहीं जो मैं हूं…!!

बहुत छाले हैं उसके पैरों में,
कमबख्त उसूलों पर चला होगा…!!

मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं,
हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं…!!

बहुत अंदर तक जला देती हैं,
वो शिकायते जो बया नहीं होती…!!

तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,
जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं…!!

दिल के रिश्ते ‍‍‍ हमेशा किस्मत से ही बनते है,
वरना मुलाकात तो रोज हजारों 1000 से होती है…!!

Final Word :-

आशा करता हूँ कि हमारे द्वारा बनाये गए शेरो-शायरियों के कलेक्शन आपको जरूर पसंद आया होगा और इस पोस्ट के और भी लुफ्त लेने के लिए आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करेंगे.

आइये मशहूर कवि गुलज़ार के बारे में कुछ बाते जानते है जिससे हम कवि गुलज़ार के बारे में जानकारी अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सके.

गुलज़ार का असली नाम क्या है?

गुलज़ार का असली नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा है…!!

गुलज़ार को पद्म भूषण से कब सम्मानित किया गया?

गुलज़ार को पद्म भूषण से 2004 में सम्मानित किया गया था।

गुलज़ार के माता-पिता कौन है?

गुलज़ार के माता-पिता का नाम मक्खन सिंह कालरा और सूजन कौर है।

गुलज़ार कौन हैं?

गुलज़ार भारत के जाने-माने कवि, गीतकार, लेखक, पटकथा लेखक और फिल्म निर्देशक हैं।

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